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राष्ट्र निर्माण और युवा शक्ति पर निबंध हिंदी में 500+ शब्दों में {Step by Step Guide}
हेलो फ्रेंड, इस पोस्ट “राष्ट्र निर्माण और युवा शक्ति पर निबंध हिंदी में 500+ शब्दों में” में, हम राष्ट्र निर्माण और युवा शक्ति के बारे में निबंध के रूप में विस्तार से पढ़ेंगे। तो…
चलिए शुरू करते हैं…
राष्ट्र निर्माण और युवा शक्ति पर निबंध हिंदी में 500+ शब्दों में
नेल्सन मंडेला की एक खूबसूरत कहावत है कि “आज के युवा ही कल के नेता है”, जो कि हर एक पहलू में सटीक बैठता है.
युवा राष्ट्र के किसी भी विकास की नींव रखता है.
युवा एक व्यक्ति के जीवन की वह अवस्था होती है जो सीखने की क्षमता और प्रदर्शन के साथ भरा हुआ होता है.
जिस तरह से इंजन को चालू करने के लिए ईंधन जरूरी होता है ठीक उसी प्रकार युवा राष्ट्र के लिए आवश्यक है.
युवा राष्ट्र की प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है, राष्ट्र का समग्र विकास और भविष्य वहां रहने वाले लोगों की शक्ति और क्षमता पर निर्भर करता है और इसमें प्रमुख योगदान राष्ट्र के युवाओं का है.
राष्ट्र निर्माण में सामाजिक समरसता, बुनियादी ढांचे का विकास और राष्ट्र की आर्थिक वृद्धि शामिल है.
बढ़ती अर्थव्यवस्था में युवाओं की भागीदारी राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक है.
युवा शक्ति हर परिस्थिति में डटकर देश के लिए बलिदान तक दे सकती है.
युवा शक्ति से ही आज विकसित देशों जैसे अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन आदि देशों ने तीव्रता से विकास किया है.
हमारे देश का विकास भी युवाओं के कंधे पर ही टिका है.
युवा शक्ति ही हमारे राष्ट्र को विकासशील से विकसित देश बना सकती है.
जैसा कि हम लोग जानते हैं कि आज का युग विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी का युग है और इस युग का सदुपयोग अधिकतर युवा वर्ग ही कर सकते हैं.
क्योंकि युवाओं के अंदर जुनून, पागलपन के साथ-साथ असीम क्षमता भी होती है और हम अपने देश के युवाओं का उपयोग कर अपने भारत को हर एक क्षेत्र में एक सशक्त राष्ट्र के रूप में बना सकते हैं.
जिस देश का विकास जितने शीघ्रता से होगा वह देश उतना ही महान बनता जाएगा.
अतः युवाओं के लिए यह आवश्यक है कि वे नवीनतम अनुसंधान के द्वार खोलें, प्रकृति प्राप्त करने के लिए युवाओं की ऊर्जा, रचनात्मकता, उत्साह, दृढ़ संकल्प और भावना को चैनलबद्ध किया जाना चाहिए.
युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार के अवसर प्रदान करना राष्ट्र की प्रगति और विकास को प्राप्त करने के प्रमुख कारक है.
इसके लिए आवश्यक है कि युवा में कर्मठता, कर्तव्य एवं चरित्र का विकास एवं बौद्धिक विकास के लिए विद्यालयों में इसी प्रकार की शिक्षा दी जानी चाहिए.
क्योंकि “शिक्षा काल में निर्मित विद्यार्थी ही कुशल नागरिक बनता है”,
अतः वही देश संपन्न होगा जिसका युवा वर्ग परिश्रमी एवं शिक्षित होगा.
किसी भी पहलू के लिए युवाओं की सकारात्मकता और पागलपन कई शोधों और अविष्कारों की ओर ले जाता है.
इसलिए यह कहा जा सकता है कि वह हमारे राष्ट्र का भविष्य है.
युवाओं की शक्ति का उपयोग हमारे राष्ट्र के निर्माण के लिए समझदारी से किया जाना चाहिए.
तो यह निश्चित रूप से राष्ट्रीय विकास का कारण बन सकता है.
अतः अंत में मैं यही कहना चाहता हूं कि युवा वर्ग ही किसी भी देश के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है.
क्योंकि युवा वर्ग के ऊपर ही देश की अर्थव्यवस्था टिकी होती है और जिस देश ने भी अपने युवा वर्ग का सदुपयोग किया है वह हमेशा विकास के पथ पर अग्रसर रहा है.
इसलिए हमें खुद स्वयं को शिक्षित करने के साथ-साथ अपने देश भारत को विकास के पथ पर यानी कि विकासशील से विकसित देश बनाने में अपना योगदान देना चाहिए.
इस पोस्ट “राष्ट्र निर्माण और युवा शक्ति पर निबंध हिंदी में 500+ शब्दों में“, को पढ़ने के लिए आप सभी लोगों का दिल से धन्यवाद.
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