"Advertisement"
Swatantrata Sangram Ke Gumnaam Nayak Pr Nibandh
नमस्कार दोस्तों, इस पोस्ट में “Swatantrata Sangram Ke Gumnaam Nayak Pr Nibandh”, में, हम Swatantrata Sangram Ke Gumnaam Nayak के बारे में निबंध के रूप में विस्तार से पढ़ेंगे. तो…
चलो शुरू करते हैं…
Swatantrata Sangram Ke Gumnaam Nayak Pr Nibandh
“आजादी में था उनका भी अहम योगदान,
इतिहास के पन्नों में बैठे वो योध्या है गुमनाम”
हमारे भारत देश को 15 अगस्त 1947 के दिन अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. यह आजादी हमें आसानी से नहीं मिली थी बल्कि इसके लिए बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों का ने अपना प्राण न्योछावर किया था।
आज उन्हीं की कुर्बानियों के कारण हम सब ने आजाद भारत में जन्म लिया है. भारत को आजाद करने में बहुत से सेनानियों के योगदान थे।
जिनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं जैसे कि महात्मा गांधी जी, सुभाष चंद्र बोस जी, चंद्रशेखर आजाद जी, भगत सिंह जी, पंडित जवाहरलाल नेहरु जी आदि के बारे में तो हमने बहुत कुछ किताबों में या किस्से कहानियों में सुना है परंतु कुछ ऐसे भी गुमनाम नायक हमारे देश में हुए थे जिनकी गाथाएं इतिहास के पन्नों में कहीं दब सी गई हैं।
आज देश की भावी पीढ़ी को देश के संपूर्ण इतिहास को जानने की आवश्यकता है. आज हम भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए हम सभी भारतीय ऐसे गुमनाम नायकों को खोजने में लगे हुए हैं जिन्होंने स्वतंत्रता के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उनमें से कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानी है जिनका नाम आज की पीढ़ी के युवाओं को लगभग पता ही नहीं है जबकि वे गुमनाम नायकों ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया था।
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष का जश्न मनाने के लिए गुमनाम नायकों के योगदान को उजागर करना हम सभी के लिए बहुत सम्मान की बात है।
कुछ गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी इस प्रकार से हैं:-
उल्लासकर दत्ता:- वह एक भारतीय क्रांतिकारी थे. प्रसिद्ध अलीपुर बम मामले में उल्लासकर को 2 मई 1960 को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 1909 में फांसी की सजा सुनाई गई थी. बाद में अपील पर, फैसले को जीवन कारावास के के रूप में कम कर दिया गया और उन्हें एंडमान में सेल्यूलर जेल भेज दिया गया था।
दुकारी बाला देवी:- स्वतंत्रता पूर्व भारत में अंग्रेजों के खिलाफ सशक्त स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रमुख सदस्यों में से एक दुकारी बाला देवी थी. वह कुख्यात आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार और दोषी ठहराए जाने वाली पहली महिला फाइटर थी।
सतीश चंद्र सामंत:- सतीश चंद्र सामत एक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन कार्यकर्ता और 1952 से 77 तक लोकसभा के सदस्य थे।
नानी बाला देवी:- नानी बाला देवी एक स्वतंत्रता सेनानी थी. वह एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से आती थी. 11 साल में उनकी शादी हुई और 15 साल में वह विधवा हो गई थी। बहुत कम लोग जानते हैं कि वह एक अंडरकवर एजेंट और अंग्रेजो के खिलाफ लड़ने वालों की मदद किया करती थी।
बीना दास:- बीना दास पश्चिम बंगाल की एक भारतीय क्रांतिकारी और राष्ट्रवादी थी।
पुलिन बिहारी दास:- पुलिन बिहारी दास एक भारतीय क्रांतिकारी और ढाका अनुशीलन समिति के संस्थापक-अध्यक्ष थे।
मातंगिनी हजरा:- एक भारतीय क्रांतिकारी जो एक गांधीवादी के रूप में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से रूचि रखते थे. 1932 में उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया और नमक अधिनियम को तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. वह भारत छोड़ो आंदोलन 1942 और असहयोग आंदोलन का हिस्सा भी थी।
पीर अली खान:- भारत के शुरुआती विद्रोहियों में से एक, जिसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। अभी तक बहुतों को ज्ञात नहीं है कि वह 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा थी और विद्रोह में भाग लेने वाले 14 अन्य विद्रोहियों के साथ उन्हें पूरे सार्वजनिक दृश्य में फांसी पर लटका दिया गया था।
खुदीराम बोस:- वह भारत में ब्रिटिश शासन का विरोध करने वाले युवा क्रांतिकारियों में से एक थे. बोस की वीरता और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान की कहानी बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जब वह केवल 18 वर्ष के ही थे तभी उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।
भीकाजी कामा:- सड़कों और इमारतों पर उनका नाम तो लिखा है लेकिन कई लोग उनकी वीरता की कहानी से आज भी वाकिफ नहीं है, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की प्रमुख हस्तियों में से एक वह लैंगिक समानता के लिए भी खड़ी रही।
मनोरंजन सेन, बसंत कुमार विश्वास, पारुल मुखर्जी, मोतीलाल राय, कन्हैयालाल दत्ता, तारक नाथ दास, अरूणा आसफ अली, लक्ष्मी सहगल, तिरोत सिंग, कनकलाता बरूआ आदि स्वतंत्रता सेनानी थे जो कि इतिहास के पन्नों में आज कहीं खो सा गए हैं।
हमारे युवा पीढ़ी को इन स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में अधिक जानने का प्रयास करना होगा एवं सरकार को इन सभी गुमनाम वीरों और उनके जीवन की गाथाओं को पुस्तकों, लघु डॉक्यूमेंट्री बनाकर या संगोष्ठीयों की माध्यम से देश के लोगों के सामने लाने की आवश्यकता है।
“आओ गुमनाम नायकों की वीरता के गुण गाए,
भावी पीढ़ी को उनकी वीरगाथा से परिचित कराएं”।
Also Read:
स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों पर पोस्टकार्ड
2047 में मेरे सपनो का भारत कैसा होगा पर निबंध
इस पोस्ट “Swatantrata Sangram Ke Gumnaam Nayak Pr Nibandh“, को पढ़ने के लिए आप सभी लोगों का दिल से धन्यवाद।
इस पोस्ट “Swatantrata Sangram Ke Gumnaam Nayak Pr Nibandh” से संबंधित यदि आपका कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट करें।
"Advertisement"
Thank you
Thanks
Thanku so much
Thank you so much
Very nice essay
Thank you so much
Very nice essay 👍
Thank you so much
Thank you so much
Thnq
Thanks 🙏 very very much 🥰
Thankyou so much
very nice