"Advertisement"

राजीव के सपनों का भारत हिंदी निबंध | Rajiv Gandhi Ke Sapno Ka Bharat Nibandh

"Advertisement"

राजीव के सपनों का भारत हिंदी निबंध | Rajiv Gandhi Ke Sapno Ka Bharat Nibandh | राजीव के सपनों का भारत निबंध | राजीव गांधी के सपनो का भारत | Essay On Rajiv ke Sapno Ka Bharat

हेलो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट “राजीव के सपनों का भारत हिंदी निबंध | Rajiv Gandhi Ke Sapno Ka Bharat Nibandh“, में राजीव के सपनों का भारत के बारे में निबंध के रूप में विस्तार से पड़ेंगे। तो…

चलो शुरू करते हैं…

राजीव के सपनों का भारत हिंदी निबंध | Rajiv Gandhi Ke Sapno Ka Bharat Nibandh

राजीव रत्न गांधी एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने 1984 से 1989 तक भारत के छठे प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया।

उन्होंने 1984 में अपनी मां, प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, 40 वर्ष की आयु में सबसे कम उम्र के भारतीय प्रधान मंत्री बनने के लिए पदभार ग्रहण किया।

गांधी राजनीतिक रूप से शक्तिशाली नेहरू-गांधी परिवार से थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे।

अपने बचपन के अधिकांश समय में, उनके नाना जवाहरलाल नेहरू प्रधान मंत्री थे। गांधी ने यूनाइटेड किंगडम में कॉलेज में पढ़ाई की।

Must Read  Essay On Har Ghar Tiranga In English In 500+ Words

वह 1966 में भारत लौट आए और राज्य के स्वामित्व वाली इंडियन एयरलाइंस के लिए एक पेशेवर पायलट बन गए।

1968 में, उन्होंने सोनिया गांधी से शादी की; दंपति अपने बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ घरेलू जीवन के लिए दिल्ली में बस गए।

1970 के दशक में उनकी मां इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और उनके भाई संजय गांधी सांसद थे; इसके बावजूद राजीव गांधी अराजनीतिक बने रहे।

1980 में एक विमान दुर्घटना में संजय की मृत्यु के बाद, गांधी ने अनिच्छा से इंदिरा के कहने पर राजनीति में प्रवेश किया।

अगले वर्ष उन्होंने अमेठी की अपने भाई की संसदीय सीट जीती और लोकसभा के सदस्य बने – भारत की संसद का निचला सदन।

अपने राजनीतिक संवारने के हिस्से के रूप में, राजीव को कांग्रेस पार्टी का महासचिव बनाया गया और 1982 के एशियाई खेलों के आयोजन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई।

Read:

Essay On Childhood Of Guru Tegh Bahadur Ji In 500+ Words

Essay On Azadi Ka Amrit Mahotsav In 500+ words

Essay On Freedom Struggle Of India

Hollywood Movie In Hindi Dubbed Download Free

Essay On Healthy Air, Healthy Planet In 500+ Words {Step by Step Guide}

Must Read  Essay On Improving Local Governance Ideas For Transforming India

भारत आज सूचना प्रौद्योगिकी सुपर शक्ति बन चुका है और इसमें कंप्यूटर की अहम भूमिका है और आज हमारा भारत विश्व के अन्य उन्नत देशों की श्रेणी में है और यह सब राजीव गांधी जैसे महान नेता की देन है. यह उनके सपनों का भारत है.

राजीव विश्व के लोकतंत्र के इतिहास में वह सबसे युवा प्रधानमंत्री थे।इन वर्षों में भारत राजीव के सपनों का भारत बना है या नहीं यह कहना बहुत मुश्किल है.

राजीव ने ही कभी भारत को मजबूत, महफूज, और तरक्की की राह पर रफ्तार से दौड़ता मुल्क बनाने का सपना देखा था. देश की तरक्की पसंद राजीव ने ही कभी भारत को विश्व समुदाय व वक्त के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाया था. राजीव गांधी युवा शक्ति का बहुत सम्मान करते थे.

यही कारण है कि देश की युवा शक्ति की राजनितिक में भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उन्होंने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने का प्रस्ताव संसद में पारित करवाया।

आज हर हाथ में मोबाइल, कंप्यूटर उन्हीं शानदार फैसलों का नतीजा है.

Must Read  Essay On Life Story Of Guru Tegh Bahadur Ji In Hindi In 500+ Words

अतः अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजीव गांधी ने अपने समय में अपने सपने को पूरा करने में अपने भारत को तरक्की पर लाने के लिए अपने समय में इतना आगे चलते हुए सूझबूझ से निर्णय लेते थे.

वह ऐसे दूरदर्शी व्यक्ति थे जो भविष्य को देखकर कदम रखते थे. इसी कारण अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए पृथ्वी, त्रिशूल, और अग्नि जैसी मिसाइल एवं प्रक्षेपास्त्र का विकास करवाया।

नए भारत के सपनो के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 21 मई 1991 को हमेशा के लिए इस दुनिया से चले गए.

आज के देश के नौजवानों को उनके सपनों के भारत को जिंदा रखने की आवश्यकता है. जिससे भारत विश्व स्तर पर भी एक अग्रणी देश और गांधी के सपनों का भारत बन सके.

Thanks For Reading “राजीव के सपनों का भारत हिंदी निबंध | Rajiv Gandhi Ke Sapno Ka Bharat Nibandh“.

Read:

Essay On Azadi Ka Amrit Mahotsav In 500+ words

Essay On Freedom Struggle Of India

Essay On Innovation Ideas for Zero Plastic Waste

"Advertisement"

Leave a Comment