आज विश्व में जहां भी देखो वहां कोरोना का हाहाकार मचा हुआ है. जिसके सम्मुख विश्व के हर एक क्षेत्र ने अपने घुटने टेक दिए हैं. अगर गौर किया जाए तो दुनिया में हर साल 100 वर्ष के बाद महामारी का हमला होता रहता है.
सन 1720 ईस्वी में प्लेग, सन 1820 ईसवी में एशियाई हैजा, सन 1920 ईस्वी में स्पेनिश फ्लू, और फिर पूरे 100 वर्ष बाद सन 2020 ईस्वी में कोरोना की तबाही ने जन्म ले लिया है.
दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए टीकाकरण का अभियान शुरू कर दिया गया है. भारत में भी इस वायरस पर रोक लगाने के लिए दो प्रकार के टीके लगाए जा रहे हैं जिनमें से एक को Covishield तथा दूसरा को-वैक्सीन है.
सीडीसी के अनुसार टीकाकरण के इस प्रयास से ही कोरोना महामारी से निपटने का एक महत्वपूर्ण जरिया है. कोरोनावायरस शरीर में पहुंच शरीर की रोग प्रतिरोधक तंत्र को प्रभावित करता है यह शरीर में उपस्थित हानिकारक वायरस की पहचान करता है तथा वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण भी करता है.
“कोरोना से अपने को बचाना है, तो टीकाकरण को करवाना होगा”
एक नए अध्याय के अनुसार, कोविड-19 के टीके की दूसरी खुराक प्रतिरक्षा प्रणाली के एक हिस्से को शक्तिशाली बनाती है जो संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है इसलिए कोविड-19 की दूसरी खुराक आवश्यक है.
वर्तमान समय में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखकर टीकाकरण एक मात्र उपाय है जिससे इस कोरोना नामक राक्षस को समाप्त किया जा सकता है व अपने परिवार, देश, व राष्ट्र को इससे बचाया जा सकता है.
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