"Advertisement"

आज के संदर्भ में गांधी की प्रासंगिकता पर भाषण | गांधी जयंती पर भाषण

"Advertisement"

आज के संदर्भ में गांधी की प्रासंगिकता पर भाषण | गांधी जयंती पर भाषण | Speech on Gandhi Jayanti

हेलो फ्रेंड, इस पोस्ट “आज के संदर्भ में गांधी की प्रासंगिकता पर भाषण | गांधी जयंती पर भाषण” में, आज के संदर्भ में गांधी की प्रासंगिकता पर भाषण के रूप में विस्तार से पढ़ेंगे। तो…

चलिए शुरू करते हैं…

आज के संदर्भ में गांधी की प्रासंगिकता पर भाषण | गांधी जयंती पर भाषण | Speech on Gandhi Jayanti

यहां उपस्थित सभी माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रों आप सभी को सुबह का नमस्कार.

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम सब यहां एक बहुत प्यारा उत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं जोकि गांधी जयंती कहलाता है.

इस अवसर पर मैं आज आप सभी को महात्मा गांधी जी पर जो कि हमारे राष्ट्रपिता है उनके बारे में दो शब्द बतलाना चाहता हूं.

युगपुरुष महात्मा गांधी जी ने जिनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 ईस्वी को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था उन्होंने अपने विचारों से ना केवल भारत को आजादी दिलाई बल्कि समाज में अनेक प्रकार के सुधार भी किए.

Must Read  Write a Letter to someone Influential explaining why and how they should take on the climate crisis

उनके विचार देश काल में सीमित ना होकर सीमाओं से परे हैं.

वह स्वदेशी को प्राथमिकता देते थे, उनका मानना था कि स्वदेशी से हमारा देश आत्मनिर्भर बन सकता है.

वर्तमान स्थिरता के दौर में जहां एक तरफ कोविड-19 लोगों को हताश एवं बेहाल किए हैं वहीं दूसरी ओर इसके आर्थिक परिणाम भी लोगों को भविष्य के लिए आशंकित किए हुए हैं.

Also Read:

Essay On Mahatma Gandhi In 1000+ Words

हिंदी दिवस पर निबंध | Hindi Diwas par Nibandh | राष्ट्रभाषा हिंदी दिवस पर निबंध

आज संपूर्ण विश्व बाजारवाद की दौड़ में शामिल हो चुका है.

लालच की परिणीति युद्ध की सीमा तक चली जाती है. ऐसे में गांधीवाद की प्रासंगिकता पहले से कहीं अधिक हो जाती है. एक दूसरे के प्रति नफरत को दूर करने के लिए गांधी जी की प्रासंगिकता को अपनाने की जरूरत है.

Must Read  Essay On The National War Memorial Inspires me to die for the country

गांधी जी आज के दौर में भी प्रासंगिक हैं यही वजह है कि हम उन्हें निरंतर स्मरण करते हैं तब भी जब हम उनका अनुकरण करने में अपने को असमर्थ पाते हैं.

महात्मा गांधी हमारे इतिहास के, हमारे समाज के, हमारे देश के एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपने आप को देश की आजादी, एकता एवं लोगों को की भलाई के लिए तथा अपने इस भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर वह है कई वर्षों तक अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ते रहे.

एवं देश के कोने कोने का दर्शन कर वहां के लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया था.

अतः आज हम लोग को जो आजादी मिली है इसके बदले हमारे पूर्वजों ने, हमारे महात्मा गांधी जी ने, हमारे कई देश भक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी है.

Must Read  Essay On Independent India @75 Self Reliance with Integrity

इसलिए हमें अपने इस आजादी के महत्व को समझते हुए एवं गांधी जी के द्वारा बताए गए रास्ते पर चलते हुए हमें अपने आप को, अपने घर को, अपने गांव को, अपने समाज को, अपने प्रदेश को, अपने देश को, अपने भारत मां को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान देना ही होगा जिससे हम फिर से एक सशक्त भारतवासी कहलाए.

अतः अंत में मैं अपने वाणी को विराम देते हुए यही कहना चाहता हूं कि हमें गांधीजी के विचारों को भली-भांति समझने की और उन्हें प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता है.

धन्यवाद।।।

इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सभी लोगों को दिल से धन्यवाद।

Also Read:

आत्मनिर्भर भारत और हिंदी पर निबंध | Aatmnirbhar Bharat Aur Hindi Pr Nibandh

महात्मा गांधी के सपनो का भारत पर निबंध हिंदी में

महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज पर निबंध हिंदी में

"Advertisement"

Leave a Comment